उन्होंने कहा सबसे प्यार करो
जिन्दगी खुद ही प्यारी हो जाएगी
मैंने कोशिश की पर कर नहीं पाया
हर किसी को प्यार दे नहीं पाया
उसने भी मेरा साथ न दिया
चाहा न उसने मुझे बस देखती रही
जिन्दगी खुद ही प्यारी हो जाएगी
मैंने कोशिश की पर कर नहीं पाया
हर किसी को प्यार दे नहीं पाया
उसने भी मेरा साथ न दिया
चाहा न उसने मुझे बस देखती रही
मेरी जिंदगी से
वो इस तरह खेलती रही ,
न उतरी वो कभी
मेरी जिंदगी की झील में ,
बस किनारे पर बैठ कर पत्थर
फेकती रही ............!
......................संजय भास्कर
......................संजय भास्कर
किसी चाहने वाले का यदि अगला साथ न दे..तो यह दुर्भाग्य दुसरे इंसान का होता है क्यूंकि वो एक चाहने वाला इंसान खोता है
ReplyDeleteबिलकुल सही बात कही अपने डॉ ,,,,बहुत अच्छा लिखा है संजय अपने
ReplyDeleteआपके पोस्ट पर आना बहुत ही अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteमैंने कोशिश की पर कर नहीं पाया
ReplyDeleteहर किसी को प्यार दे नहीं पाया
उसने भी मेरा साथ न दिया
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....!
अक्सर ऐसा होता प्यार का जबाब प्यार नहीं होता....!!
न उतरी वो कभी
ReplyDeleteमेरी जिंदगी की झील में ,
बस किनारे पर बैठ कर पत्थर
फेकती रही ............!बेहतरीन भावाभिवय्क्ति.....
bhaut hi prabhaavshali panktiya....
ReplyDeleteसंजय भास्कर ji,
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
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