तुम ऐसे न खुद को चुराया करो
कभी सामने आ भी जाया करो
मै देखने के लिए बैठा हु देखो
कभी तो नजरे मिलाया करो
मै जगता हु सारी राते यहाँ पर
कभी खाव्बो में भी आया करो
बहुत उदास हू आज कल
कभी हँसा भी जाया करो
अब तो लोग कहने लगे है दीवाना
कभी खुद भी हिम्मत दिखाया करो
अब इतना न यु सताया करो
कभी तो दिल से लगाया करो
................मनीष शुक्ल
lovely poem
ReplyDeletekabhi khud bhi himmat dikhaya karo - loved it :)
बढ़िया अभिव्यक्ति.
ReplyDeletethanks sujatha sathya ji
ReplyDeleteअरुण जी आपका आभार
ReplyDeleteबहुत उदास हू आज कल
ReplyDeleteकभी हँसा भी जाया करो
क्या बात है बहुत सुन्दर......शुभकामनाएं मनीष भाई
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletemanish bhai bahut achhi rachna
ReplyDeletesanjay bhai apka abhar
ReplyDeleteashu ji apka abhar
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.....!!
ReplyDelete