उनके बिना धूप का ये वक्त गुजरा बहुत धीरे,
बहुत कुछ बन कर मिट चुका है हर सबेरे,
यादों से दूर खुद को व्यस्त रखने की लगन में,
ये आँसू किसी को दिख न जाए चिंता है घेरे॥
वो भूली नहीं होंगी मुझे अबतलक ये सोच,
देख आज फिर आया नयन में एक आँसू॥अश्रु और प्रेम का....
आज फिर आया नयन में एक आँसू(Complete)
You may like:
bhaut hi acchi rachna....
ReplyDeletebhaut hi acchi....
ReplyDelete