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Saturday, August 20, 2011

Mai Anna Hoon...


अन्ना तुम संघर्ष करो ,
मै तुम्हारे साथ हूँ...
अन्ना तुम आश्वस्त रहो,
कि मै तुम्हारे साथ हूँ.
ना मै कोई राजा  हूँ,
ना मेरा कोई ताज है..
कल मै साधारण बच्चा था ,
और वैसा ही आज है.
पर इस परिवर्तन की आंधी में
एक बदलाव तो आया है
हर व्यक्ति हर मानस में,
अन्ना का स्वरुप पाया है...
भ्रष्टाचार मिटाना है
यह जनता की ललकार है,
यह बचकानी बात नहीं...
ये जनता की हुंकार है.
नहीं झुके हैं, नहीं झुकेंगे 
ये ही मन में ठाना है...
क्यूंकि लोकतंत्र की शक्ति को,
अब हमने पहचाना है.
यह विश्वास न मिटने पाए, 
यह निश्चय न डिगने पाए,
आओ मिल संकल्प करें...
रंग जाति का भेद मिटा कर
मिल कर सब संघर्ष करें...
क्यूंकि अन्ना की इस आंधी में,
जो भाग न ले बेकार है...
आखिर यह लोकशाही की जीत और,
भ्रष्टाचार की हार है.

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