प्रेम हो मेरा पाक,
ईश्वर ऐसा देना वरदान।
अभिशप्त न हो कभी जीवन,
चाहे मांग लेना बलिदान।
प्रेम मिले पवित्र मुझको,
मर्यादा में मैं रहूं और मिले सम्मान।
लक्ष्य बने जीवन का मेरा,
करना मंजिल का अनुमापन।
मिले सभी का स्नेह, स्नेह रहे सभी से।
मांगे गौरव की गरिमा मेरा कोमल मन।
- कोमल वर्मा
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