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Saturday, August 6, 2011

बना रहे यह दोस्ताना हमारा ......।

जब जीवन में कोई भी रिश्ता अंगड़ाई ले रहा होता है, बनता या जुड़ चलता है, तब वहीं कहीं आस-पास हर किसी रिश्ते की ओट से झांकता या निहारता दोस्ती का रिश्ता भी सहज ही दिख जाता है। जी... जनाब जीवन में दोस्ती के दायरे में जब तमाम रिश्ते आते हैं, तब उन सबके बीच एक दोस्त साथ हो ही लेता है?
मेरे जीवन में भी कई दोस्त आये, एक खास दोस्त को मैनें अपनी जिद् की खातिर खोया-सा भी है। आज मित्र दिवस पर ईश्वर से प्रार्थना है कि उसका साथ जीवन भर बना रहे, यह साथ मेरे सांसों के टूटने के बाद ही छूटे? पहली बार महसूस हुआ कि तन्हा (अकेलापन)होना क्या होता है, जो कुछ पल ही उसके करीब न होने से महसूस हुआ?
उसने कभी दोस्ती को लेकर कुछ अमृत-वचन अपनी डायरी में लिखे थे, जो बगैर उसकी इजाजत लिये, अक्षरश: प्रकाशित करने का गुनाह कर रहा हूं।


  • दोस्त वह होता है, जो आपका सम्मान करे।
  • आपकी बातों का मान रखे।
  • आपका सच्चा पथप्रदर्शक बने।
  • आपको बुराइयों से निकाले, न की बुराइयों में डाले।
  • आपको समझे।
  • आपकी सुरक्षा करे।
  • आपसे मजाक तो करे, परन्तु आपको मजाक न बनाये।
  • क्योंकि दोस्ती का रिश्ता हर बंधन हर रिश्ते से उपर होता है। तथा दोस्त हर रिश्ते हर बन्धन का साक्षी होता है।

सो जनाब... मेरे नाराज दोस्त की उक्त पंक्तियों के आसरे ही मन हुआ कि जाने-अंजाने किसी भी दोस्त के मन को मेरी वजह से दु:ख पहुंचा हो, तो आज मैं अपनी गलती स्वीकारते हुये, मुआफी भी चाहता हूं। ताकि ताउम्र बना रहे यह दोस्ताना हमारा ......। मित्र दिवस पर यही पुनीत कामना है..।



  • रविकुमार बाबुल
 *happy friendship day *

2 comments:

  1. मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये

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