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Monday, August 8, 2011

व्यंगात्मक क्षणिकाएं......


व्यंगात्मक क्षणिकाएं......
१:-
वे रिश्वत लेते हुए 
पकड़े गए रंगे हाथों
अगले दिन रिश्वत देकर 
छुट भी गए लगे हाथों.

२:-
ऊपरी आमदनी का एक हिस्सा 
वे अपने सीनियर को खिला रहे हैं
दरअसल वे 
जमाने के साथ चल कर 
ताल से ताल मिला रहे हैं.

३:- 
ये फिल्म वाले भी 
क्या "गजब" ढा रहे हैं 
पहले लगाई "हथकड़ी"
और किया "गिरफ्तार" 
करायी "जेल यात्रा" 
और फिर लगवाई "फांसी"
लेकिन अब "आरक्षण" भी दिला रहे हैं.

४:-
नेता से अभिनेता बनने की बात 
तब उनके दिमाग में आई 
जब चुनाव में उनके
सबसे कमजोर प्रतिद्वंदी ने 
उनकी जमानत जब्त करवाई. 

५:-
फिल्म की हिरोइन का मूड 
तब से अपसेट था 
जबसे उसे मालूम हुआ 
कि जिसे उसने चुम्बन सीन दिया 
वह हीरो नहीं डुप्लीकेट था. 

६:-
एक निर्देशक नेताजी को बतौर हीरो
अपनी फिल्म में लाये 
लेकिन वे सिर पिटते रह गए 
जब नेताजी चुनावी वादे कि तर्ज पर 
शाट देने पांच साल बाद आए. 

७:- 
इंजन चक्की देख के दिया फकीर रोए
साहब बाबू के बिच में फ़ोकट जाए न कोए. 

८:- 
बाबुल कि दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले
तू बेड पर पड़ी सोती रहे, पति खाना लिए तैयार मिले.......

नीलकमल वैष्णव "अनिश"

12 comments:

  1. अच्छी क्षणिकाएं हैं ...
    नील कमल जी से कहिये सरस्वती-सुमन पत्रिका लिए भी भेज दें मेरी मेल पे .....

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  2. बहुत बढ़िया अच्छी क्षणिकाएं

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  3. बहुत बढ़िया क्षणिकाएं....

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  4. वाह, बहुत बढ़िया,

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  5. behtarin tarkash...behtarin teer..chun chun ke maare hain..bahad pasand aaya,,,kabhi samay nikalkar mere blog pe bhi aayiyega..

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  6. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच

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  7. आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद जो अपने इसको इतना पसंद किया आगे भी आप लोगों को ऐसी रचनाएँ पढने को मिलती रहेंगी आप सब कभी कभी ब्लाग पर भी आया करे तो मुझे और भी ख़ुशी होगी...

    www.neelkamalkosir.blogspot.com

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