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Saturday, July 30, 2011
आँखे ये रोज बरसती हैं
आज ये दुनिया रंगहीन क्यूँ लगती है ?
आज ये हवा भी नटखट नही होती है ?
मेरी बातें लोगों को अर्थहीन क्यूँ लगती है ?
ये नींद भी आँखों से दूर दूर क्यूँ रहती है ?
पास नही तू फ़िर भी, क्यूँ ये चोरी करती है ?
दिल का तो पता नही, बहुत दिनों से गायब है,
इन दिनों ये महफ़िल भी, ...
आँखे ये रोज बरसती हैं (Complete)
Life is Just a Life
-- Neeraj Dwivedi
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