मेरे गीतों का संगीत हो तुम
सुर दिया मेरे स्वरों को जिसने
लवो पे छाई कलम से निकली
वो मनमुग्ध गजल हो तुम
सजदा करूँ जिसे दिल से
वही प्यार की कलि हो तुम
उम्मीद करूँ जीने की मैं
जिसके हंसी दामन में अरे
ऐसी मेरी हसरत हो तुम
जीती हूँ जिसके धडकने से
दिल की वही धड़कन हो तुम
- दीप्ति शर्मा
http://deepti09sharma.blogspot.com/2010/07/tum.html
It's so romantic and full of love.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत रचना...
ReplyDeleteaap sabhi ka bahut bahut aabhar
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