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Sunday, June 26, 2011

इजाजत


मैंनें बरसते हुये पानी में,
दी थी इजाजत उसको?
चाहता है तो,
छोड़कर चला जाये मुझे,
मेरे आंखों की नमी,
जंजीर न बन जाये कहीं,
ुउसकी?
बस इतना- सा स्वार्थ,
उसकी चाह में ,
मेरा भी रहा था,
बारिश में इजाजत देने का?

रविकुमार सिंह

6 comments:

  1. चाहता है तो,
    छोड़कर चला जाये मुझे ||

    बहुत सुन्दर ||

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  2. आदरणीय रविकर जी,
    यथायोग्य अभिवादन् ।

    किसी का छोड़ कर जाना कैसे बहुत सुन्दर हो गया?

    रविकुमार बाबुल
    ग्वालियर

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  3. आदरणीय वीना जी,
    यथायोग्य अभिवादन् ।

    सुन्दर क्या रहा, उसका जाना या मेरा बारिश में इजाजत देना?

    रविकुमार बाबुल
    ग्वालियर

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  4. आदरणीय सुषमा आहुति जी,
    यथायोग्य अभिवादन् ।

    जी... बारिश में जब भींगता रिश्ता जाने की बात कहे, तब बात कुछ गहरी ही होगी?

    रविकुमार बाबुल
    ग्वालियर

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