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Saturday, March 17, 2012

"तेरी अंगूठी"


मेरे पास आज भी तेरी 
        एक जिंदा निशानी है 
मेरे हर सांस में बहती 
         बस तेरी रवानी है
तुम्हे याद न हो शायद
         मैं तुम्हें बताता हूँ
तेरी दी हुई "अंगूठी" ही
         बीते यादों की निशानी है....

एहसास आज भी तेरा 
        बहता रगों में लहू बनकर
तुम दूर हो नहीं सकती
       ये बात तुम्हे बतानी है
तुम्हें भूलूं तो कैसे मैं ,
        इजाजत है नहीं मुझको
तुझे भूलने की सोचूं  तो
        भी तेरी याद आती है...

तुने दूर जाने को कहा
        सो लो मैं चला गया
लगा ज़िन्दगी रुक सी गयी 
        ये बात तुम्हे बतानी है
अब साँस तो बस मेरी 
        तेरी याद में चला करती है
इन आखों में तो बस 
        तेरी तस्वीर बसा करती है....

मेरे पास आज भी तेरी 
        एक जिंदा निशानी है
तेरी दी हुई "अंगूठी" ही
        बीते यादों की रवानी है !!!!

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