अगर आप भी इस मंच पर कवितायेँ प्रस्तुत करना चाहते हैं तो इस पते पर संपर्क करें... edit.kavitabazi@gmail.com

Wednesday, March 28, 2012

यकीन



वह तो मैं था,
जो तेरी बातों पर,
करता रहा यकीन।
लोग तो जमाने में,
सच बातें भी,
कहां मानते हैं।



  • रविकुमार बाबुल


चित्र : साभार गूगल

1 comment:

  1. .....शब्द शब्द बाँध लेता है ...बधाई स्वीकारें

    ReplyDelete