यू तो अक्सर खाव्बो में तुम मुझसे मिलने आती हों
पर कभी कभी दुःख होता है जब तुम साथ नहीं होती
सोच के थोडा हँसता हू मै जो बाते तुमसे करता हू
पर एक तुम्ही तो हों जिससे मै सारी बाते कर लेता हू
पर बहुत मुश्किल शयद तुमको खाव्बो से बाहर ला पाना
पर तुम भी तो जिद्दी हों थोड़े से झगडे में इतना गुस्सा हों जाती हों
सब कहते है तुम पागल हों वो मात्र एक कल्पना है
मै कैसे उनको समझाऊ की तुम एक हकीकत लगती हों
;मनी;इतना तो तय है जब हम साथ साथ होते है
एक अजीब सी ताकत हिम्मत अपने आप आ जाती है
वादा करो तुम आओगी फिर हम होली संग संग खेलेंगे ;HAPPY HOLI;
--------------------------------मनीष शुक्ल
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