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Thursday, September 15, 2011

नींद


रात को नींद जब आती हैं ,
आँखों में कुछ ख्वाब लाती हैं
कुछ खट्टे ,कुछ मीठे पलों को ,
कुछ प्यारे चेहरों को
फिर से सपनो में लाती हैं

रात को नींद जब आती हैं

कभी भूत का सपना
कभी कोई अपना
याद दिलाती हैं
रात को नींद जब आती हैं

जो ख्वाब हकीकत में सच ना हो
वो ख्वाब पूरे करवाती हैं


कभी प्रेमिका की बात
तो कभी माँ की याद सताती हैं
रात को नींद जब आती हैं

ताजगी जीवन में
थकान को दूर भगाती हैं

कुछ अनदेखे चेहरे ,
कुछ अनकही बाते
तो कभी मौत भी दिखलाती हैं
रात को नींद जब आती हैं

चाहे जो भी हो
पर जब नींद आती हैं
चैन और सुकून लाती हैं

रात को नींद जब आती हैं

Chirag Joshi, Ujjain
chirag@dakhalandazi.co.in

 

10 comments:

  1. नींद को आपके शब्दों ने एक नया रूप दिया ..
    कुछ अनदेखे चेहरे ,
    कुछ अनकही बाते
    तो कभी मौत भी दिखलाती हैं
    रात को नींद जब आती हैं
    बहुत सही लिखा आपने .....बेहतरीन

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  2. रात को जब नींद आती हैं ? तभी यह सब मुमकिन है........

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  3. चाहे जो भी हो
    पर जब नींद आती हैं
    चैन और सुकून लाती हैं

    रात को नींद जब आती हैं.. behtreen...

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  4. जब नींद आती है तो सपने आते हैं |
    सपनो के बारे में बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने ....

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  5. कमेंट से वर्ड-वेरीफिकेसन हटा देंगे तो कमेंट करने में
    उलझन नही होगी किसी को भी!

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  6. मार्मिक भावों की प्रभावी अभिव्यक्ति .......

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  7. wah bahut hi maarmik. bahut badhaai aapko.
    आप ब्लोगर्स मीट वीकली (९) के मंच पर पर पधारें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप हमेशा अच्छी अच्छी रचनाएँ लिखतें रहें यही कामना है /
    आप ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर सादर आमंत्रित हैं /

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  8. वाह क्या नींद है.....हाय अपन तो ऐसी नींद को तरस गए....लगता है सदियां बीत गईं.....पर ये नींद जाने कौन से जन्म का बैर निकाल रही है इन दिनों...न आंखों में नींद न दिन में करार....ये नींद कैसी होती है यार....अपन को तो खालिस काम ही दिखता है सपने में सो झट से आंख खुल जाती है..

    बढ़िया कविता

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