रात को नींद जब आती हैं ,
आँखों में कुछ ख्वाब लाती हैं
कुछ खट्टे ,कुछ मीठे पलों को ,
कुछ प्यारे चेहरों को
फिर से सपनो में लाती हैं
रात को नींद जब आती हैं
कभी भूत का सपना
कभी कोई अपना
याद दिलाती हैं
रात को नींद जब आती हैं
जो ख्वाब हकीकत में सच ना हो
वो ख्वाब पूरे करवाती हैं
कभी प्रेमिका की बात
तो कभी माँ की याद सताती हैं
रात को नींद जब आती हैं
ताजगी जीवन में
थकान को दूर भगाती हैं
कुछ अनदेखे चेहरे ,
कुछ अनकही बाते
तो कभी मौत भी दिखलाती हैं
रात को नींद जब आती हैं
चाहे जो भी हो
पर जब नींद आती हैं
चैन और सुकून लाती हैं
रात को नींद जब आती हैं
नींद को आपके शब्दों ने एक नया रूप दिया ..
ReplyDeleteकुछ अनदेखे चेहरे ,
कुछ अनकही बाते
तो कभी मौत भी दिखलाती हैं
रात को नींद जब आती हैं
बहुत सही लिखा आपने .....बेहतरीन
waah kya baat hai.....Chirag ji
ReplyDeleteरात को जब नींद आती हैं ? तभी यह सब मुमकिन है........
ReplyDeletebahut sundar kavita.....
ReplyDeleteचाहे जो भी हो
ReplyDeleteपर जब नींद आती हैं
चैन और सुकून लाती हैं
रात को नींद जब आती हैं.. behtreen...
जब नींद आती है तो सपने आते हैं |
ReplyDeleteसपनो के बारे में बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने ....
कमेंट से वर्ड-वेरीफिकेसन हटा देंगे तो कमेंट करने में
ReplyDeleteउलझन नही होगी किसी को भी!
मार्मिक भावों की प्रभावी अभिव्यक्ति .......
ReplyDeletewah bahut hi maarmik. bahut badhaai aapko.
ReplyDeleteआप ब्लोगर्स मीट वीकली (९) के मंच पर पर पधारें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आप हमेशा अच्छी अच्छी रचनाएँ लिखतें रहें यही कामना है /
आप ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर सादर आमंत्रित हैं /
वाह क्या नींद है.....हाय अपन तो ऐसी नींद को तरस गए....लगता है सदियां बीत गईं.....पर ये नींद जाने कौन से जन्म का बैर निकाल रही है इन दिनों...न आंखों में नींद न दिन में करार....ये नींद कैसी होती है यार....अपन को तो खालिस काम ही दिखता है सपने में सो झट से आंख खुल जाती है..
ReplyDeleteबढ़िया कविता