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Friday, September 30, 2011

मत कहो सच



मत कहो कुछकोई बच्चा कुनमुना है,
सूर्य लेकर हाथ में, सच ढूंढने की कोशिश,
भी हार सकती है,
बाहर सब ओर कोहरा घना है॥

मत जगाओ देश कोयह अनसुना है,
किसान का हलसैनिक की बन्दूक,
भी हार सकती है,
धन का नशा कई गुना है॥

मत कहो सचआजकल बिलकुल मना है,
पत्रकारिता की बिकी कलम को छोड़ोये कलम,
ना हार सकती है
सत्य का न ही नामों निशां है॥

मत समझनागरीब भी मानव जना है,
इन्हें बचाने की कोशिश करती, इंसानियत
भी हार सकती है
ये न मिट्टी का बना है॥

मत कहो कुछकोई बच्चा कुनमुना है

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