वो अपना है बहुत अपना है पर अपनी तरफ नहीं है
फैसला करना तो आया फैसला अपनी तरफ नहीं है
मैंने जो खाव्ब देखे थे उसके लिए वो मेरी हद में है
पर न वो न उसका कोई ख्वाब अपनी तरफ नहीं है
दिल दुखता है मेरा जब सोचता हू उसके लिए
की वो बहुत अपना है पर अपनी तरफ नहीं है
मुझको जो पसंद है वो उसको पसंद नहीं
उसको जो पसंद है वो अपनी तरफ नहीं है
आज मै भी बहुत मजबूर हू कुछ कह नहीं सकता
'मनी'वो बहुत खुश है खुशी पर अपनी तरफ नहीं है
bhut bhut hi acchi rachna...
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत रचना...
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