इंतज़ार में तेरे ...शब्द मोती से बन गए
ये है तेरी दुआ ........या उसकी मेहर है
कि तुझसे मिला ......ये उसका असर है
जानते है सब .............सबको खबर है
पर तू जान के भी .........क्यों बेखबर है
ये है तेरी दुआ ........या उसकी मेहर है
इकरार में तेरे ..कितने मौसम बदल गए
पर तू भोर मेरा .........तू दोपहर है
कि हूँ आज तनहा...... तू हमसफ़र है
एक झील था मैं...........तू एक लहर है
सब मुझको देखें .........तू मेरी नज़र है
ये है तेरी दुआ ........या उसकी मेहर है
बहुत सुंदर लिखा आपने
ReplyDeletethanks
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