डूबे हुए है आज कल वो किसके ख्याल में
क्या कर रहे वो कुछ जानते नहीं
बस उलझे हुए वो अपने सवाल में
दिल भी गया नजरे गयी वफ़ा भी गयी
पर बहुत खुश है वो घुस के बवाल में
सब कुछ समझ चुके पर मानते नहीं
बस मस्त है वो अपने इस खेलखाल में
बहुत मजे में है न उनको समझाओ
'मनी' रहने दो छोड़ दो उनके हाल में
......................मनीष शुक्ल
very nice...
ReplyDeleteमनीष भाई,
ReplyDeleteकैसे लिख जाते हो यार ऐसा सब..........
संजय भाई आपका आभार ,,,,,,,मै तो बस इतना कहूँगा मोहब्बत कर लो सब आ जयेगा
ReplyDeleteउसके बाद एक अलग सा जूनून होता है आप कुछ भी कर सकते हों ,,,,,,,,
सुषमा जी आपका आभार ,,
ReplyDeletebahut sunder kavita.........
ReplyDeletei am greatful to you pooja ji,,,,
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