ये मेरे साथ रहती है
और सारे दर्द सहती है
पर जिन्दगी से इसे
बहुत हैरानी है
ना ही हँसती ना ही रोती
ये लिखती मेरी कहानी है|
वो अल्फ़ाज मेरेदिल की धडकन केसब इसकी जुबानी हैये लिखती मेरी कहानी है |
निगरा समझ वो मेरा
सारा जहाँ बताती है
समझ मुझे लिखा उसने
ये उसकी मेहरबानी है
ये लिखती मेरी कहानी है|
रुके हुए कुछ झुके हुएमेरे अश्कों में उसकीहर वक्त निगरानी हैजब इसकी जुबानी हैये लिखती मेरी कहानी है |
-दीप्ति शर्मा
आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें
दिनेश पारीक
http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
http://vangaydinesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_26.html
ना ही हँसती ना ही रोती
ReplyDeleteये लिखती मेरी कहानी है|bhut accha likhti apki kalam hai...
बहुत सुंदर .
ReplyDeletesunder abhivyakti
ReplyDeleteshubhkamnayen
बहुत सुंदर भाव युक्त कविता
ReplyDeletesundram !manoharam !
ReplyDeleteveerubhai .
bahut sunder rachanaa.shabdon ka badiyaa chyan.badhaai aapko .
ReplyDeleteplease visit my blog www.prernaargal.blogspot.com and leave the comments also.
बहुत सुंदर पोस्ट बधाई |
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