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जब मन में सैलाब उठा ,बह चला आँखों से पानी!
गालों पे धुलाकता रहा,दुनिया की निगाहों से छुपता रहा,
गालों पे सुख के चल पड़ा राह अनजानी!
किसी ने मोती मन तो किसी ने पानी ,
पर ना ये मोती है और ना ही पानी !
सुनी सब के मुहं ये कहानी ,आंसू तो एक अनमोल प्राणी
किसी ने आंसू की कीमत ना पहचानी!
बहुत ही खुबसूरत और कोमल भावो की अभिवयक्ति......
ReplyDeletekhubsurat rachna.....abhivaykti.....
ReplyDeletebahut badiyaa..
ReplyDeleteबहुत सच्चे और अच्छे भाव ....सुंदर
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