वो है दुनिया में सबसे हसीं
खूबसूरती उसके पास ऐसी
जैसे है वो अप्सरा सवर्ग की
अदाएं उसकी हैं ऐसी
जैसे सर्द हवा हो वो सावन की...
होंठ उसकी है देखो
गुलाब की पंखुरी की तरह
चाल उसकी है देखो
समुंदर की लहरों की तरह...
ज़ुल्फ़ कहती है उसकी
हर रात की कहानी
आखें हैं ऐसी जैसे
मयकसो की रानी...
चाँद भी उसको देख
रातों मे झांकता है
फूल भी उसको देख
आहें भरता है...
है वो एक ऐसा शेर
जो शायरों ने भी नहीं सुना
है वो एक ऐसा चाँद
जो अमावश में भी है दिखता
है वो एक ऐसा फूल
जो पतझड़ में भी है दिखता...
उस हुस्न की तारीफ क्या करूँ
अब आप हमें बताईये
क्या कहूँ मैं उसे -
मीर की ग़ज़ल ,
या अगर है कोई दूजा नाम ,
आप हमे बताईये...!!!??
वाह ...बहुत ही बढिया।
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