अगर आप भी इस मंच पर कवितायेँ प्रस्तुत करना चाहते हैं तो इस पते पर संपर्क करें... edit.kavitabazi@gmail.com

Monday, February 13, 2012

तेरी याद


सूरज की पहली किरणें,
दे जाती हैं रोज तेरी याद।
चांद की शीतलता,
सहलाती है तेरी याद।

क्यूं रात को अक्सर आकर,
आंखें मेरी धो जाती हैं तेरी याद।
रोज सोचता हूं भूल जाऊं तुझे,
न भूलने की कसम दे जाती है तेरी याद।

  • रविकुमार बाबुल

5 comments: