आओ मित्र,
आज हम,
दोस्ती और प्यार को,
परिभाषाओं से कर दें आजाद।
अच्छी लड़की नहीं हूं मैं,
कहकर बेड़ी मत बांधो तुम,
अपने रिश्ते को जुड़ने में,
मैं भी अपने हिस्से का,
सारा आसमान दे दूंगा,
तुमको।
बस तुम,
प्यार का मुठ्ठी बर बादल,
कर देना मेरे नाम।
बरसते रहना ,
मेरे जीवन में,
बन कर "हां"।
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
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