अगर आप भी इस मंच पर कवितायेँ प्रस्तुत करना चाहते हैं तो इस पते पर संपर्क करें... edit.kavitabazi@gmail.com

Tuesday, May 8, 2012

बीत गयी यामिनी ..

मदिर ,मधुर ,धीमी धीमी
गुंजित है रागिनी
सुबह की लाली है
बीत गयी यामिनी ..

कुछ एक पल की जिंदगानी ,
एहसासों की रवानी
वक़्त की कागज़ पर
उकर गयी  सारी कहानी ........

थोड़े तुम थोड़े हम , दोनों का है जहाँ
चलो ख्वाब बाँट ले ,बन जाए आशियाँ

वो खून नहीं ,जिसमे जूनून नहीं
वो अलफ़ाज़ नहीं ,जिसमे आवाज़ नहीं
वो ज़िन्दगी नहीं ,जिसमे बंदगी नहीं
वो बशर कहाँ ,
जिसमे तू तू नहीं ,हम हम नहीं


जब साज तन्हाइयों का और राग खामोशियों का हो
तो ज़िन्दगी हर घड़ी एक संगीत बन जाती है


जब भी मासूम आँखें सवाल करे हैं ,
रब दी कसम बहुत बुरा हाल करे हैं

1 comment:

  1. कुछ एक पल की जिंदगानी ,
    एहसासों की रवानी
    वक़्त की कागज़ पर
    उकर गयी सारी कहानी ........बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......

    ReplyDelete