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Thursday, January 19, 2012

.....................आज मैं क्या लिखूं?


आज मैं क्या लिखूं?
हाँ बहुत दिन होगए है,
ख्यालों के बादल भी कम हो गए है,
साफ़ साफ़ सा है विचारों का आसमां
इसी सोच में हूँ की आज मैं क्या लिखूं?

-- संजय भास्कर 

6 comments:

  1. ज्यादा सोचिये मत ...बस,लिख डालिए.

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  2. जो दिल में आये बस लिख दीजिये.......

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  3. bahot khoobsurat.......likha kariye......

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  4. पहले आकाश में बादल थे, अब आकाश साफ है तब भी 'क्या' का प्रश्न है. बहुत अच्छी कविता.

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  5. likh to dil ki jubaani
    suna do koi purani kahani

    bahut khoob sanjay

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