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Saturday, April 9, 2011

तेरा दीवाना भोलापन मुझको बहुत सताता है 
मनी,चुपके चुपके ये मेरे ख्वाबो में भी आता है 

जब जब मै उलझा रहता हू या टूटा रहता हू 
तब तब ये आकर मुझको सब समझाता  है 

गर कुछ भूल गया मै या खुद से रूठ गया मै 
तब ये आकर याद दिलाता और मुझे मनाता है 

कभी तो हसकर बाते करता कभी  मुझे डराता है 
सच तेरा दीवाना भोलापन मुझको बहुत सताता है 

कब आओगी  बतलादो कोई तो खबर भिजवादो 
हा थोडा इसको समझा दो इससे मन घबराता है 

तेरा दीवाना भोलापन मुझको बहुत सताता है 
मनी,चुपके चुपके ये मेरे ख्वाबो में भी आता है

5 comments:

  1. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों....बेहतरीन भाव....सुन्दर प्रस्तुति के लिये बधाई

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  2. जब जब मै उलझा रहता हू या टूटा रहता हू
    तब तब ये आकर मुझको सब समझाता है... apki panktiya pad such me bhut kuch yaad aa gaya ....

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  3. कभी तो हसकर बाते करता कभी मुझे डराता है
    सच तेरा दीवाना भोलापन मुझको बहुत सताता है

    बहुत खूब

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  4. आप सभी का ह्रदय से आभार ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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  5. neh ki sunder abhivyakti.

    shubhkamnayen

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