हम हुए तू और मिट गए तो किसी को खबर तक नहीं
तूने बस लिया मेरा नाम और दुनिया करे हाय हाय
क्या होगा जो पहुंचेगी बू-ए-रूह तुम तक
सूंघी जो दम-ए-शराब तो करते हो हाय हाय
क्या है ज़िन्दगी अब दरिया इक्क ठहरे हुए पानी का सा है
हुई बारिश तो बड़ी खूब हुई न हुई अगर तो क्या अल्लाह हाय हाय
मुददत हुई देखा बनाया सजाया बा ख्वाबों में ही तुझे
हुआ रु-बा-रु तेरे,देखि हकीकत तो दिल रो उठा हाय हाय
पेट भर खुराक ,जिस्म भर पैराहन और होश भर शराब
फिर भी पूछो जो हाल तो कहते हो न पूछो हाय हाय
गौरव मकोल
truly brilliant..
ReplyDeletekeep writing........all the best
नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteमाँ दुर्गा आपकी सभी मंगल कामनाएं पूर्ण करें
nav varsh mangalmay ho .
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