कृष्ण तुम मेरे सारथी हो
तुम रहते हो मेरी वार्डरोब मेंकाले रंग की उन साड़ियों में
जिन्हें खरीदा है मैंने
दिल्ली, मद्रास, हैदराबाद के बाज़ारों से
जब-तब लिपट जाते हो मेरे तन से
कृष्ण तुम मेरा आवरण हो
तुम बहते हो मेरे घर के नलकों में
जिनसे आता है यमुना का पानी
रोज़ कतरा कतरा पीती हूँ तुमको
कृष्ण तुम मेरा जीवन हो
तुम्हे बजते हो मेरे कानो में
जब जब सुनती हूँ एफ एम
कई गीतों ऐसे भी होते हैं
जिनमे एक सुर बासुरी का होता है
कृष्ण तुम मेरा मनोरंजन हो
कृष्ण तुम मेरी नोटबुक हो
तुम्हारे सिधान्तो के सहारे
मोटीवेशनल गुरु समझाते हैं अपनी बात
वो मानते हैं कि
तुम्हारी नीतियों के आगे शून्य है
कॉरपोरेट की पूरी दुनिया
तुमने कुरुक्षेत्र में जो कहा था
वो केवल अर्जुन के लिए नहीं था
इसीलिए तो आईआईएम और आइआइटी ने
किताबों में सहेज लिए हैं तुम्हारे मंत्र
कृष्ण तुम मेरा सेलेबस हो
कृष्ण तुम ट्राफिक की लाल हरी बत्ती हो
जीवन की आपाधापी में
जब विचारों का ट्राफिक जाम हो जाता है
जब मुश्किल हो जाती है अपनी राह पहचानना
तब याद आती है गीता
तब खुले हैं ज्ञान के द्वार
तब दिखता है रास्ता
कृष्ण तुम मेरे सारथी हो
================== अरशाना अज़मत
bahut hi bahvpurn
ReplyDeleteThanx manish and poonam
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