कील का सही उपयोग किया
लकड़ी के टुकड़ों को जोड़ कर
एक टेबल बना दिया //
कील ने भी
नहीं बिगड़ने दी उसका स्वरुप
दर्द सहकर भी //
दूसरी तरफ
एक नासमझ ने
कील को फेक दिया सड़कों पर
इस बार कील ने
स्वम दर्द नहीं सहा
बल्कि ...
कितनो को घायल कर गया //
21वी सदी का इन्द्रधनुष ब्लॉग से बबन पांडये जी की एक बेहतरीन रचना आज सभी के साथ साँझा कर रहा हूँ.....उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी !
@ संजय भास्कर
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