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Friday, October 14, 2011

भ्रष्टाचार आन्दोलन के "साइड इफेक्ट"


         

बहुत सारी भीड़ है | वो देश सुधार और भ्रष्टाचार को मिटने का आन्दोलन कर रहे हैं , 
सारी सड़के जाम हैं ,
जनता बेहाल है ,
सर्कार का बुरा हाल है ,
ये समाधान है या 
कोई व्यवधान है जो 
यहाँ हर कोई परेशान है 

तभी एक एम्बुलेंस दूर से आती है , उस भीड़ में वो फंस  जाती है , मरीज की हालत गंभीर है पर कोई उसे निकलने नही दे रहा है क्यूँ की  वो समाज सेवी है और देश का सुधार कर रहें हैं |

नारें लगा रहें वो देखो 
लोगो का हुजूम बना 
और समाज चला रहे हैं 
वो जो तड़प रहा है अंदर 
देख उसे नजरे झुका रहे हैं 
न ही वो उनका सगा है 
न ही सम्बन्धी है फिर 
क्यों दिखावे में नहा रहें हैं 
तड़प रहा है वो इलाज को 
और देखो ये सब यहाँ 
भ्रष्टाचार मिटा रहे हैं |

बहुत सारी भीड़ इकट्ठी है , सरकार के खिलाफ कुछ हैं जो सच में साथ हैं और कुछ लोग दिमाग से वहा और मन से दफ्तर में हैं , जहाँ कोई आएगा घुस देके जायेगा , वो दलाल है सरकार के जिनके आँखों में हमेशा से ही पट्टी बंधी है |

सरकार के खिलाफ बन खड़ें हैं
हाथों में मशाल लिए अड़े हैं 
दिल से यहाँ पर दिमाग से वहां 
जहा घुस मिल जाएगी 
क्यों जिद कर वो 
दिखावे को पड़े हैं 
घुस खाकर पेट भरता है जिनका 
क्यों वो आम जनता के साथ 
हाथ में हाथ लिए वहा डटे हैं |

 -  दीप्ति शर्मा

4 comments:

  1. नारें लगा रहें वो देखो
    लोगो का हुजूम बना
    और समाज चला रहे हैं
    वो जो तड़प रहा है अंदर
    देख उसे नजरे झुका रहे हैं
    न ही वो उनका सगा है
    न ही सम्बन्धी है फिर
    क्यों दिखावे में नहा रहें हैं
    तड़प रहा है वो इलाज को
    और देखो ये सब यहाँ
    भ्रष्टाचार मिटा रहे हैं |
    ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
    एक शक्ल समाज सेवको की ,,,,,,अच्छी प्रस्तुति

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  2. नारें लगा रहें वो देखो
    लोगो का हुजूम बना
    और समाज चला रहे हैं
    वो जो तड़प रहा है अंदर
    देख उसे नजरे झुका रहे हैं
    न ही वो उनका सगा है ...बहुत सच्ची और सटीक रचना..

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  3. आज के समाज का सही विश्लेषण , सारगर्भित पोस्ट आभार

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  4. samsamayik rachna.vicharniye post.bahut badhia.

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