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Saturday, December 15, 2012

अब भी जब कोई मेरे बारे में बात करता है, बहुत जल्द घबरा जाती है वो



अजीब बात है अजीब खयालो में खो जाती है वो
कई बार पास होके भी दूर चली जाती है वो

अब भी जब कोई मेरे बारे में बात करता है
बहुत जल्द घबरा जाती है वो

कुछ भी होने का डर दुनिया का सबसे बड़ा डर है
शायद इसी डर से किसी भी पल डर हो जाती हो वो

मेरा प्यार है या उसका वजूद है ये

कभी पूछो तो खामोश हो जाती है वो

कितना प्यार करता हु बता नहीं सकता उसको
मनी' जब कोई और बताता है तो रूठ जाती है वो
---------------------------------मनीष शुक्ल

8 comments:

  1. बेहतरीन अभिव्यक्ति.....

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  2. आपका आभार सुषमा जी

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  3. मेरा प्यार है या उसका वजूद है ये
    कभी पूछो तो खामोश हो जाती है वो

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  4. आप सभी कवि मित्रो का आभार ....

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  5. अब भी जब कोई मेरे बारे में बात करता है
    बहुत जल्द घबरा जाती है वो

    वाह वाऽह ! क्या बात है !
    मनीष जी

    अच्छे काव्य-प्रयास के लिए बधाई !
    लिखते रहें … और श्रेष्ठ लिखते रहें …

    नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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