अजीब बात है अजीब खयालो में खो जाती है वो
कई बार पास होके भी दूर चली जाती है वो
अब भी जब कोई मेरे बारे में बात करता है
बहुत जल्द घबरा जाती है वो
कुछ भी होने का डर दुनिया का सबसे बड़ा डर है
शायद इसी डर से किसी भी पल डर हो जाती हो वो
मेरा प्यार है या उसका वजूद है ये
कई बार पास होके भी दूर चली जाती है वो
अब भी जब कोई मेरे बारे में बात करता है
बहुत जल्द घबरा जाती है वो
कुछ भी होने का डर दुनिया का सबसे बड़ा डर है
शायद इसी डर से किसी भी पल डर हो जाती हो वो
मेरा प्यार है या उसका वजूद है ये
कभी पूछो तो खामोश हो जाती है वो
कितना प्यार करता हु बता नहीं सकता उसको
मनी' जब कोई और बताता है तो रूठ जाती है वो
------------------------------ ---मनीष शुक्ल
कितना प्यार करता हु बता नहीं सकता उसको
मनी' जब कोई और बताता है तो रूठ जाती है वो
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बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
ReplyDeleteआपका आभार सुषमा जी
ReplyDeletebahut sunder bhav
ReplyDeleteमेरा प्यार है या उसका वजूद है ये
ReplyDeleteकभी पूछो तो खामोश हो जाती है वो
आप सभी कवि मित्रो का आभार ....
ReplyDeleteWah Manish Bhai Bahut khoob :)))
ReplyDeleteअब भी जब कोई मेरे बारे में बात करता है
बहुत जल्द घबरा जाती है वो
वाह वाऽह ! क्या बात है !
मनीष जी
अच्छे काव्य-प्रयास के लिए बधाई !
लिखते रहें … और श्रेष्ठ लिखते रहें …
नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
Bahut Hi Gajab ...............
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