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Thursday, August 9, 2012

पग पग चलत यशोदा माँ को निहारत

पग पग चलत यशोदा माँ को निहारत 
छुप छुप के वह माखन खावत
गुलेल से मटकी फोड़ गिरावत
गोपियों के संग में रास रचावत 
पेड़ पे बैठ के बंशी बजावत 
बंशी के गान से दुनिया लुभावत 
ऐसे मधुर मधुर मुस्कावत 
नन्द लाल,बाल गोपाल कहावत 
बोल कन्हैया लाल की जय
------------------------------मनीष शुक्ल 

1 comment:

  1. जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाये..!!!

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