मनी 'वक़्त ने हालातों को कितना बदल दिया
पहले किसी और का अब किसी का कर दिया
पहले किसी और का अब किसी का कर दिया
जो वादे किये थे सब धरे के धरे रह गए
क्यों तुने खुद को खुद से अलग कर दिया
क्यों तुने खुद को खुद से अलग कर दिया
मुझे तो आज भी वो लम्हे साफ़ दिखते है
तूने क्यों उन लम्हों को धुंधला कर दिया
बस तेरी याद से ये पलके गीली हों जाती है
पर तुने तो इन पलकों को बेगाना कर दिया
पारो जहाँ हों वहां खुश तो हों ना तुम
मुझे तो तुमने पूरा देवदास कर दिया
....................................मनीष शुक्ल
No comments:
Post a Comment