ये कैसा गुनाह कर लिया आपने
क्यों यू ही प्यार कर लिया आपने
इक सलाह के तौर पर बता दिया आपको
जो ख़ाम खा दिलदार कर लिया आपने
ये ज़माने वाले जीने नहीं देंगे आपको
जो प्यार का इकरार कर लिया आपने
अजीब सोचते होगे न मेरे बारे में आप
पर डरता हू कि ये क्या सोच लिया आपने
यकीं मानो मोहब्बत खतरनाक सफ़र कराती है
'मनी' क्यों बस मंजिल को देख लिया आपने
---------------------------------------मनीष शुक्ल
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