Saturday, July 28, 2012
Life is Just a Life: कहीं मर न जाए Kahin Mar Na Jaye
Life is Just a Life: कहीं मर न जाए Kahin Mar Na Jaye: बुन सकता हूँ , रंग बिरंगे स्वप्न रेशमी धागों से , पर डरता हूँ , कहीं ये रंगीन स्वप्न बस न जाएँ , किसी गरीब की आ...
Life is Just a Life: पानी बना बहता रहूँगा Pani Bana Bahta Rahunga
Life is Just a Life: पानी बना बहता रहूँगा Pani Bana Bahta Rahunga: चमचमाती रोशनी देखी है, जिसने ख्वाब में बस , मैं उन्हीं की आँख का , पानी बना बहता रहूँगा। जिसने स्वेद और रक्त मे...
रात भर...
करके वादा कोई सो गया चैन से
करवटें बदलते रहे हम रात भर !!१!!
हसरतें दिल में घुट-घुट के मरती रही
और जनाज़े निकलते रहे रात भर !!२!!
रात भर चांदनी से लिपटे रहे वो
हम अपने हाथ मलते रहे रात भर !!३!!
आबरू क्या बचाते वह गुलशन कि
खुद कलियाँ मसलते रहे रात भर !!४!!
हमको पीने को एक कतरा भी न मिला
और दौर पर दौर चलते रहे रात भर !!५!!
रौशनी हमें दे ना पाए यह चिराग अब
यूँ तो कहने को वो जलते रहे रात भर !!६!!
छत में लेट टटोले हमने आसमान
अश्क इन आँखों से ढलते रहे रात भर !!७!!
.........नीलकमल वैष्णव "अनिश".........
Monday, July 23, 2012
हिसाब
हिसाब ना माँगा कभी
अपने गम का उनसे
पर हर बात का मेरी वो
मुझसे हिसाब माँगते रहे ।
जिन्दगी की उलझनें थीं
पता नही कम थी या ज्यादा
लिखती रही मैं उन्हें और वो
मुझसे किताब माँगते रहे ।
काश ऐसा होता जो कभी
बीता लम्हा लौट के आता
मैं उनकी चाहत और वो
मुझसे मुलाकात माँगते रहे ।
कुछ सवाल अधूरे रह गये
जो मिल ना सके कभी
मैंने आज भी ढूंढे और वो
मुझसे जवाब माँगते रहे ।
- दीप्ति शर्मा
अपने गम का उनसे
पर हर बात का मेरी वो
मुझसे हिसाब माँगते रहे ।
जिन्दगी की उलझनें थीं
पता नही कम थी या ज्यादा
लिखती रही मैं उन्हें और वो
मुझसे किताब माँगते रहे ।
काश ऐसा होता जो कभी
बीता लम्हा लौट के आता
मैं उनकी चाहत और वो
मुझसे मुलाकात माँगते रहे ।
कुछ सवाल अधूरे रह गये
जो मिल ना सके कभी
मैंने आज भी ढूंढे और वो
मुझसे जवाब माँगते रहे ।
- दीप्ति शर्मा
भावपूर्ण श्रधान्जली
मौका मिला तो एक बार फिर राजेश खन्ना की जिन्दगी जीना चाहूँगा -जतिन अरोरा (राजेश खन्ना )
रोमांस हों या भावपूर्ण अभिनय कोई भी हों राजेश ने जब तक चाहा तब तक उन्हें कोई छू भी नहीं पाया बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजेश(जतिन खन्ना ) ने जब हंट टैलेंट को जीतकर हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया तो शुरुवाती दौर में ही उन्होंने दुनिया को दिखा दिया की अब तक जो कमी थी वो अब पूरी हों गयी है फिल्म कोई भी हों अभिनय कोई भी हों राजेश कभी भी पीछे नहीं हटे और हमेशा
अपने उसूलो पे काम किया वक़्त चाहे थियटर का हों या स्कूल के समय ड्रामा का रहा हों उन्होंने हमेशा अपना बेस्ट दिया अपने मित्र रवि कपूर (जीतेन्द्र ) उनकी पहली फिल्म में ऑडीशन देने के लिये कैमरे के सामने बोलना राजेश ने ही सिखाया था। जितेन्द्र और उनकी पत्नी राजेश खन्ना को "काका" कहकर बुलाते थे उनका अंदाज़ बाबू मोशाय का हों या i hate tears का हों हमेशा लाजवाब रहा है और किशोर दा के साथ
इतनी बनती थी जैसा पुराना कोई रिश्ता रहा हों जैसे वो मस्त बैक स्टेज गाते वैसे वो स्क्रीन पर मस्त होके अभिनय करते थे उनकी जिन्दगी में दोस्तों का अहम् हिस्सा रहा हमेशा मस्त रहे .
क्या सोच रहे हों बाबू मोशाय जिन्दगी चार दिन की है जो लो
ए जो आने वाला कल है न बहुत जालिम है पता नहीं आये न आये ,,,समझे बाबू मोशाय
मौका मिला तो एक बार फिर राजेश खन्ना की जिन्दगी जीना चाहूँगा -जतिन अरोरा (राजेश खन्ना )
रोमांस हों या भावपूर्ण अभिनय कोई भी हों राजेश ने जब तक चाहा तब तक उन्हें कोई छू भी नहीं पाया बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजेश(जतिन खन्ना ) ने जब हंट टैलेंट को जीतकर हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया तो शुरुवाती दौर में ही उन्होंने दुनिया को दिखा दिया की अब तक जो कमी थी वो अब पूरी हों गयी है फिल्म कोई भी हों अभिनय कोई भी हों राजेश कभी भी पीछे नहीं हटे और हमेशा
अपने उसूलो पे काम किया वक़्त चाहे थियटर का हों या स्कूल के समय ड्रामा का रहा हों उन्होंने हमेशा अपना बेस्ट दिया अपने मित्र रवि कपूर (जीतेन्द्र ) उनकी पहली फिल्म में ऑडीशन देने के लिये कैमरे के सामने बोलना राजेश ने ही सिखाया था। जितेन्द्र और उनकी पत्नी राजेश खन्ना को "काका" कहकर बुलाते थे उनका अंदाज़ बाबू मोशाय का हों या i hate tears का हों हमेशा लाजवाब रहा है और किशोर दा के साथ
इतनी बनती थी जैसा पुराना कोई रिश्ता रहा हों जैसे वो मस्त बैक स्टेज गाते वैसे वो स्क्रीन पर मस्त होके अभिनय करते थे उनकी जिन्दगी में दोस्तों का अहम् हिस्सा रहा हमेशा मस्त रहे .
क्या सोच रहे हों बाबू मोशाय जिन्दगी चार दिन की है जो लो
ए जो आने वाला कल है न बहुत जालिम है पता नहीं आये न आये ,,,समझे बाबू मोशाय
Tuesday, July 10, 2012
Life is Just a Life: माँ, इसमें मेरा दोष न देख Man Ismein Mera Dosh N d...
Life is Just a Life: माँ, इसमें मेरा दोष न देख Man Ismein Mera Dosh N d...: रस्म रिवाजों के चन्दन में , देहरी के पावन बंधन में , बंधी रही हूँ बिना शिकायत , पावन सी तेरे कंगन में , अरुणोदय की प्रथम क...
Monday, July 9, 2012
Life is Just a Life: प्यास बुझ ही तो जाएगी Pyas Bujh hi to Jayegi
Life is Just a Life: प्यास बुझ ही तो जाएगी Pyas Bujh hi to Jayegi: कई आंखें , देख रहीं हैं, आकाश में बिखरी उदासी, छोटा सा बादल , और धरती का उत्सुक चेहरा । एक जलती बुझती आशा , परिवर्तन की जिज्ञा...
Saturday, July 7, 2012
Life is Just a Life: मेरी आवाज
Life is Just a Life: मेरी आवाज: मैं खोना नहीं चाहता अपनी आवाज , एहसानों के नीचे क्यूँ दबाते हो मुझे ? सिद्दत से बेहद चाहा है हमने तुमको , खुद ही कमजोर क्यूँ बन...
Thursday, July 5, 2012
प्राण प्रिये
वेदना संवेदना निश्चल कपट
को त्याग बढ़ चली हूँ मैं
हर तिमिर की आहटों का पथ
बदल अब ना रुकी हूँ मैं
साथ दो न प्राण लो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
निश्चल हृदय की वेदना को
छुपते हुए क्यों ले चली मैं
प्राण ये चंचल अलौकिक
सोचते तुझको प्रतिदिन
आह विरह का त्यजन कर
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
अपरिमित अजेय का पल
मृदुल मन में ले चली मैं
तुम हो दीपक जलो प्रतिपल
प्रकाश सौरभ बन चलो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
मौन कर हर विपट पनघट
साथ नौका की धार ले चली मैं
मृत्यु की परछाई में सुने हर
पथ की आस ले चली मैं
दूर से ही साथ दो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
--- दीप्ति शर्मा
को त्याग बढ़ चली हूँ मैं
हर तिमिर की आहटों का पथ
बदल अब ना रुकी हूँ मैं
साथ दो न प्राण लो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
निश्चल हृदय की वेदना को
छुपते हुए क्यों ले चली मैं
प्राण ये चंचल अलौकिक
सोचते तुझको प्रतिदिन
आह विरह का त्यजन कर
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
अपरिमित अजेय का पल
मृदुल मन में ले चली मैं
तुम हो दीपक जलो प्रतिपल
प्रकाश सौरभ बन चलो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
मौन कर हर विपट पनघट
साथ नौका की धार ले चली मैं
मृत्यु की परछाई में सुने हर
पथ की आस ले चली मैं
दूर से ही साथ दो अब
चलने दो मुझे ओ प्राण प्रिये ।
--- दीप्ति शर्मा
Tuesday, July 3, 2012
Life is Just a Life: भारत भोला है Bharat Bhola hai
Life is Just a Life: भारत भोला है Bharat Bhola hai: ये मिली नहीं है चुन ली है, मैंने तन्हाई जीवन में , फिर मैंने ही राजमहल का, पथ छोड़ा तरुणाई में , मैं कागज का लिए सहारा, निकला आग...
Sunday, July 1, 2012
Life is Just a Life: लावारिस गम Lavarish Gam
Life is Just a Life: लावारिस गम Lavarish Gam: बूंदों से आँसू नैना हैं बदरा सूखे हुये ताल सी जिंदगी में , फूलों के बिन एक पागल सा भँवरा , कि विक्षिप्त सा और मदहोश सा ही , क...
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