एक बार जो बोल लोगे हंस के उनके साथ
बुढापा भी उनका ख़ुशी ख़ुशी बीत जायेगा...
ये तो चली आई है परम्परा सदियों से जो आया है
वो तो समां बीत ही जाएगा...
बहुत दिनों से ब्लॉग पर कविता लिख रहा था पर धीरे धीरे समय की कमी के कारण कविता नहीं लिख पाया इसीलिए आज कुछ लाइन पेश है.. .उम्मीद है आपको पसंद आएगी !
sach kaha aapne....
ReplyDeleteसही कहा संजय जी...!
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