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Wednesday, March 23, 2011

वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए आशमा हम अभी से क्या बताये क्या हमारे दिल में है

सर फ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है 

देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है 
करता नहीं क्यों  दूसरा कुछ बात चीत 
देखता हू मै जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है 
ए शहीदे मुल्क मिल्लत मै तेरे ऊपर निशा 
अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है 
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए आशमा 
हम अभी से क्या बताये क्या हमारे दिल में है
खीच कर लायी है सबको क़त्ल होने की उम्मीद 
आशिको का आज जमघट दुजये कातिल में है 
सर फरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है 
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है बता 
,,,,,,,,,,,,,राम प्रसाद बिस्मिल ,भगत सिंह,राज गुरु 

4 comments:

  1. वाह वाह के कहे आपके शब्दों के बारे में जीतन कहे उतन कम ही है | अति सुन्दर
    बहुत बहुत धन्यवाद् आपको असी पोस्ट करने के लिए
    कभी फुरसत मिले तो मेरे बलों पे आये
    दिनेश पारीक

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  2. वाह वाह के कहे आपके शब्दों के बारे में जीतन कहे उतन कम ही है | अति सुन्दर
    बहुत बहुत धन्यवाद् आपको असी पोस्ट करने के लिए
    कभी फुरसत मिले तो मेरे बलों पे आये
    दिनेश पारीक

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  3. सर फरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
    देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है बता
    ...........जब भी ये लाइन जुबान पर आती है एक नया जूनून पैदा हो जाता है
    ......आभार मनीष भाई इस प्रस्तुति के लिए

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