सर फ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है
करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बात चीत
देखता हू मै जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
ए शहीदे मुल्क मिल्लत मै तेरे ऊपर निशा
अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए आशमा
हम अभी से क्या बताये क्या हमारे दिल में है
खीच कर लायी है सबको क़त्ल होने की उम्मीद
आशिको का आज जमघट दुजये कातिल में है
सर फरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है बता
,,,,,,,,,,,,,राम प्रसाद बिस्मिल ,भगत सिंह,राज गुरु
वाह वाह के कहे आपके शब्दों के बारे में जीतन कहे उतन कम ही है | अति सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद् आपको असी पोस्ट करने के लिए
कभी फुरसत मिले तो मेरे बलों पे आये
दिनेश पारीक
वाह वाह के कहे आपके शब्दों के बारे में जीतन कहे उतन कम ही है | अति सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद् आपको असी पोस्ट करने के लिए
कभी फुरसत मिले तो मेरे बलों पे आये
दिनेश पारीक
सर फरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है
ReplyDeleteदेखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है बता
...........जब भी ये लाइन जुबान पर आती है एक नया जूनून पैदा हो जाता है
......आभार मनीष भाई इस प्रस्तुति के लिए
जय हिंद
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