अक्सर बोला करते हैं अहमियत,
क्या कभी समझ पाए ईस की गहरायी!!
कितने परिवर्तनशील है ये अहमियत,
उम्र के पड़ावों के साथ बदल जाते है ये अहमियत!!
जब हम मासूम होते हैं तब हमारे लिए,
पेन , पेंसिल और चित्रकारी रखते है अहमियत!!
धीरे धीरे बाल सुलभ चेष्टाएँ परिवर्तित हो जाते हैं,
और कुछ शब्द रखने लगते हैं हमारे लिए अहमियत!!
वो शब्द जो हम सुनना चाहते है ,
रखने लगते हैं अहमियत!!
पर कहने वाला कहता ही नही,
शायद नही रखते हम असके लिए अहमियत!!
या कभी कोई और सुनना चाहता है हम से वो शब्द,
और हम कह नहीं पाते या फिर कहना नही चाहते वो शब्द,
शायद हम नहीं जानते उन शब्दों की अहमियत!!
उन शब्दों के इंतजार में यूँ ही गुजर जाते है जिन्दगी
जो की रखती है सब के लिए अहमियत!!
क्या कभी समझ पाए ईस की गहरायी!!
कितने परिवर्तनशील है ये अहमियत,
उम्र के पड़ावों के साथ बदल जाते है ये अहमियत!!
जब हम मासूम होते हैं तब हमारे लिए,
पेन , पेंसिल और चित्रकारी रखते है अहमियत!!
धीरे धीरे बाल सुलभ चेष्टाएँ परिवर्तित हो जाते हैं,
और कुछ शब्द रखने लगते हैं हमारे लिए अहमियत!!
वो शब्द जो हम सुनना चाहते है ,
रखने लगते हैं अहमियत!!
पर कहने वाला कहता ही नही,
शायद नही रखते हम असके लिए अहमियत!!
या कभी कोई और सुनना चाहता है हम से वो शब्द,
और हम कह नहीं पाते या फिर कहना नही चाहते वो शब्द,
शायद हम नहीं जानते उन शब्दों की अहमियत!!
उन शब्दों के इंतजार में यूँ ही गुजर जाते है जिन्दगी
जो की रखती है सब के लिए अहमियत!!
कितनी सरलता से शब्दों की अहमियत बताई है आपने. वाह.
ReplyDeleteआपके उदगार को हम अहमियत देते हैं..!
ReplyDeleteएहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
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