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Wednesday, February 23, 2011

इश्क क्या होता है ............!


इश्क क्या होता  है ,
समझते है हम चोट खाने के बाद ,
वो हंस कर सितम करती रही 
हम हंस कर सितम सहते रहे 
मेरी आँखों में झलकती है मेरी कहानी 
जो छुपाये नहीं छुपती |
मौत आये तो गले लगा ले हम 
जी कर क्या करे इश्क में चोट खाने के बाद 
दर्द गमो का इलाज़ मिल भी जाये तो क्या 
मरना चाहता है ' भास्कर ' अब लाइलाज | 
-- संजय कुमार भास्कर

7 comments:

  1. बहुत सुंदर कविता

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  2. इश्क क्या होता है ,
    समझते है हम चोट खाने के बाद ,
    वो हंस कर सितम करती रही
    हम हंस कर सितम सहते रहे

    इश्क चाहे जो भी सितम करे पर इश्क तो होता ही है .......... खूबसूरत रचना ....

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  3. बहुत चोट खाए हो भैया, इश्क मा ई हाल सबका ही होत है. जरा संभल के.............

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  4. वो हंस कर सितम करती रही
    हम हंस कर सितम सहते रहे
    अच्छा लिखा है है संजय जी,,,

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  5. आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

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  6. अच्छा लिखा है
    संजय जी.......

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  7. खुसरो दरिया इश्क का, उल्टी वाकी धार
    जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार.

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