पग पग चलत यशोदा माँ को निहारत
छुप छुप के वह माखन खावत
गुलेल से मटकी फोड़ गिरावत
गोपियों के संग में रास रचावत
पेड़ पे बैठ के बंशी बजावत
बंशी के गान से दुनिया लुभावत
ऐसे मधुर मधुर मुस्कावत
नन्द लाल,बाल गोपाल कहावत
बोल कन्हैया लाल की जय
------------------------------मनीष शुक्ल
जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाये..!!!
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